Tuesday, December 31, 2019

वर्षा : चाहत की दूसरी बूंद

 क्या आपको कभी दोबारा इश्क हुआ हैं ? क्या अप कभी दूसरी बार इश्क के सावन में बग भींगें हैं ?
अगर आपका  उत्तर हाँ में हैं तो यह कहानी आपके लिए ही हैं | 
   यह कहानी है आयुष और वर्षा की | 
  आयुष, प्यार का मारा बेचारा ।
 वर्षा, प्यार की बहती हुई वह नदी जिसका क़तरा-क़तरा इश्क़ है ।
 अमेजन पर यह किताब उपलब्ध हैं |  पढ़िए और बताइये, यह कहानी आपको मारक लगी की नहीं |

Sunday, August 7, 2016

फ्रेंडशिप डे

मैक्स उठा
मोबाइल खोजा
तकिये के अंदर मिली
लॉक बटन दबाया
वोह नो.. ग्यारह बज गए
लॉक पैटर्न पर ऊँगली घुमाया
दो चार नोटिफिकेशन पाया
वोह यार आज तो फ्रेंडशिप डे है
उसने तुरंत गूगल खोल
फ्रेंडशिप डे शायरी टाइप किया
दो चार अच्छे लाइनों पे
कॉपी के लिए ऊँगली घुमाया
और सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड के
व्हॉट्सऍप पर दे चपकया
फिर बारी-बारी से
उसी मैसेज़ को
फ्रेंडशिप डे का टैग लगाकर
सबको चपकया
कुछ देर बाद किसी ने
वही मैसेज़ मैक्स को चपकया
उसने रिप्लाई में
हंसी के दो इमोजी भेजे
और उसे भी रिप्लाई में बस यही मिल पाया
ऐसे ही मैक्स ने फ्रेंडशिप डे मनाया ।
©अनिल के राय

Anil K. Ray www.facebook.com/anilkray.fanpage

Thursday, June 25, 2015

तानाशाही अंदाज़ दिखाने वाली

           
सिंहासन हिल उठा पत्रकारो ने भी हार मानी थी
आज़ाद भारत में भी फिर से छाई गुलामी थी
उसके शक्ति की कीमत को सबने पहचानी थी
जेपी को दूर करने को उसने मन में ठानी थी
चमक उठी थी सन् पचहत्तर में वो अंदाज़ सियासी थी
आडवाणी, लालू ,मुलायम और वाजपेयी के मुंह
हमने सुनी कहानी थी
तानाशाही अंदाज़ दिखानी वाली
वो तो फ़िरोज़ की रानी थी

बंगाल के सीएम सिद्धार्त की वो मुँहबोली मेडम थी
इंदरा नाम, पिता की वो संतान अकेली थी
संजय का ही सुनती थी, किचेन केबिनेट चलाती थी
हिटलर की कथाएँ उसको याद ज़ुबानी थी
देवोगेड़ा,  त्यागी और वरिष्ठ पत्रकारों के मुंह
हमने सुनी कहानी थी
तानाशाही अंदाज़ दिखाने वाली
वो तो नेहरू की लाडली थी ।
 ©अनिल के. राय
Anil K. Ray www.facebook.com/anilkray.fanpage

Sunday, October 5, 2014

वरना कयामत हो जायेगी ..!!

क्या खता हो गई मुझसे 
जो आज कल मिलना तक भूल गई 
कल तक -
तुम्हे मेरी बातों से इनकार नहीं था 
आज तुम्हारी ओठो से न सुन रहा हूँ 
मेरे प्यार में कुछ कमी रह गई है 
या तुम मिलना हीं नहीं चाहती ||

सुना है जब प्यार की गहराई मे
शक की लकीर खीच जाती है 
तो मिलने वाला भी 
मिलना तक नहीं चाहते है 
कहीं ऐसी बात तो नहीं 
शक के बादल कभी घटते नहीं 
यह बात दिल में रखना 
दिल भी तुम्हे मिलाना चाहता है 
इसलिए -
शक की निगाह से मुझे मत देखो 
वरना कयामत हो जायेगीं ||

Monday, September 29, 2014

तुम्हारी बातें ..!!

जब तुम कहती हो 
प्यार भरी बातें 
तो लगता हैं जैसे -
कोयल ने कूक लगायी है ||

हस्ती हो जब तुम 
मेरी प्यार भरी बातों को सुनकर 
तो लगता है जैसे -
मोतियों की लड़ी अपनी कला दिखाई हो ||

रास्ते में चलती हो 
जब तुम बलखाके 
तो लगता है जैसे -
सावन की काली घटा पगलाई है ||

जब देखती हो तुम मुझे 
प्यार भरी नज़रो से 
तो लगता है जैसे -
दिल के सुने बागो मे बसंत बहार आयी है ||

मेरी नज़रे जब कभी फिसल कर 
तुम्हारे गोरे गालो पे पड़ती है 
तो लगता है जैसे -
मैख़ाने से निकलकर शराब की प्याली आयी है ||

अनजान अब तुम्हारे उस चांदी सा बदन का
 क्या तारीफ़ करूँ ..
तेरी हर एक अंग में बिजली समायी है ||